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नई दिल्ली : दिसंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के महासचिव केए रऊफ शेरिफ को गिरफ्तार किया था। यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ कई एजेंसियों की जांच की शुरुआत थी, ताकि इसके पूरे नेटवर्क और वित्त के स्रोत का पता लगाया जा सके। चार साल की जांच के बाद ED की तरफ से तैयार किए गए डोजियर से पता चला कि PFI के सैकड़ों सूचीबद्ध सदस्य हैं। इसके साथ ही और केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में इसके कार्यालय हैं।
खाड़ी देशों में 13 हजार सदस्य
ईडी के डोजियर के अनुसार, इस संगठन को 2022 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। उस समय जुलाई में पीएम मोदी की हत्या की कोशिश विफल हो गई थी। इस संगठन के सिंगापुर और पांच खाड़ी देशों में कम से कम 13,000 सदस्य हैं। इन देशों से पीएफआई को 'अज्ञात दानदाताओं' से कैश में धन जुटाया जाता है। साथ ही इसे हवाला के जरिए भारत भेजा जाता है। इसके बाद ट्रस्टों और संबद्ध संस्थाओं के 29 बैंक खातों में नकदी जमा की जाती थी।
इन प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी
पिछले कुछ वर्षों में एजेंसियों ने इसके 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। भारत और विदेशों में संपत्तियां और बैंक खाते जब्त किए हैं। केरल में एक आतंकवादी शिविर का भी पता चला। डोजियर में कहा गया है कि यह संगठन दिल्ली दंगों, हाथरस में अशांति और जुलाई 2022 में पटना में अपनी रैली के दौरान पीएम मोदी की जान पर हमले के पीछे था। 2020 से गिरफ्तार किए गए लोगों में सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव रऊफ शेरिफ; कतर में स्थित पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ; दिल्ली पीएफआई के अध्यक्ष परवेज अहमद और सिंगापुर से पीएफआई के लिए हवाला का कारोबार करने वाला साहुल हमीद प्रमुख हैं।
जिहाद के जरिये इस्लामी आंदोलन की साजिश
ईडी ने कहा कि पीएफआई का वास्तविक उद्देश्यों में जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी आंदोलन चलाना शामिल है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है। सबूतों से पता चलता है कि उनके द्वारा अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं। एजेंसी ने कहा कि केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर पाया गया था। वहां, पीएफआई फिजिकल एजुकेशन क्लासेज की आड़ में विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा था।
खाड़ी देशों में 13 हजार सदस्य
ईडी के डोजियर के अनुसार, इस संगठन को 2022 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। उस समय जुलाई में पीएम मोदी की हत्या की कोशिश विफल हो गई थी। इस संगठन के सिंगापुर और पांच खाड़ी देशों में कम से कम 13,000 सदस्य हैं। इन देशों से पीएफआई को 'अज्ञात दानदाताओं' से कैश में धन जुटाया जाता है। साथ ही इसे हवाला के जरिए भारत भेजा जाता है। इसके बाद ट्रस्टों और संबद्ध संस्थाओं के 29 बैंक खातों में नकदी जमा की जाती थी।इन प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी
पिछले कुछ वर्षों में एजेंसियों ने इसके 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। भारत और विदेशों में संपत्तियां और बैंक खाते जब्त किए हैं। केरल में एक आतंकवादी शिविर का भी पता चला। डोजियर में कहा गया है कि यह संगठन दिल्ली दंगों, हाथरस में अशांति और जुलाई 2022 में पटना में अपनी रैली के दौरान पीएम मोदी की जान पर हमले के पीछे था। 2020 से गिरफ्तार किए गए लोगों में सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव रऊफ शेरिफ; कतर में स्थित पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ; दिल्ली पीएफआई के अध्यक्ष परवेज अहमद और सिंगापुर से पीएफआई के लिए हवाला का कारोबार करने वाला साहुल हमीद प्रमुख हैं।जिहाद के जरिये इस्लामी आंदोलन की साजिश
ईडी ने कहा कि पीएफआई का वास्तविक उद्देश्यों में जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी आंदोलन चलाना शामिल है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है। सबूतों से पता चलता है कि उनके द्वारा अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं। एजेंसी ने कहा कि केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर पाया गया था। वहां, पीएफआई फिजिकल एजुकेशन क्लासेज की आड़ में विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा था।94 करोड़ से अधिक की वसूली का खुलासा
अब तक, मनी ट्रेल से पीएफआई और उसके सहयोगियों की तरफ से 94 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का खुलासा हुआ है। ईडी ने 57 करोड़ रुपये की 35 संपत्तियों को 'अपराध की आय' करार देते हुए जब्त किया है। यह संगठन कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई में सक्रिय पाया गया है। इन देशों से संगठन को अधिकांश फंड मिलते हैं। एजेंसी ने कहा कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिम प्रवासियों के लिए अच्छी तरह से परिभाषित जिला कार्यकारी समितियों का गठन किया है। यह भारत और विदेशों में धन इकट्ठा कर रहा है। इन पैसे का इस्तेमाल देश में आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है।
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